‘अमरन मूवी’ : समीक्षा और फिल्म की पुरी कहानी

दोस्तों, आज हम आपको ले जाएंगे एक ऐसी दुनिया में जहां बहादुरी और एकता की परीक्षा होती है।

अमरन मूवी रिव्यू

अमरन मूवी रिलीज डेट          

     31 October 2024

अमरन मूवी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

फिल्म ने अपने पहले दिन – 21.80 cr का कलेक्शन किया

पहले हप्ते मैं फिल्म ने – 116 cr  का कलेक्शन किया

अमरन मूवी हिट या फ्लॉप

11 दिन मैं फिल्म ने 224.60 cr का world-wide कलेक्शन किया  फिल्म का थिएटर बजेट 68 cr का था|

यह फिल्म बॉक्स ऑफिस मैं सुपर हिट हो गई है |

 

 दोस्तों मैं अमरन मूवी की पुरी कहानी! विस्तार मैं explain करूंगा |
अमरन मूवी

हाल ही में आई मूवी अमरन की कहानी में मुकुंद नाम का एक सोल्जर अपनी टीम के साथ कैंप में ट्रेनिंग कर रहा होता है लेकिन तभी वहां कुछ टेररिस्ट हमला कर देते हैं मुकुंद अपनी टीम के साथ मिलकर उन टेररिस्ट से लड़ता है, लेकिन तभी उसे गोली लग जाती है और वह काफी ज्यादा घायल हो जाता है लेकिन यहां एक ट्विस्ट है!

मुकुंद अपने पैरों पर खड़ा होकर मुस्कुराने लगता है और सभी को बताता है कि यह एक फेक टेररिस्ट अटैक था, जो उसने अपनी टीम की तैयारी को परखने के लिए किया था।

इस के बाद सभी सोल्जर्स मिलकर मुकुंद का बर्थडे मना रहे होते हैं, लेकिन तभी मुकुंद को कर्नल दबास का कॉल आता है। दबास मुकुंद से कहता है कि मसूर नाम के एक आतंकवादी ने अल्ताफ नाम के आतंकवादी को कश्मीर पर हमला करने के लिए भेजा है मुकुंद को यह जानकारी मिलते ही, वह अपने साथियों से कहता है कि हमें जल्दी से कश्मीर जाना होगा। सारे सैनिक कश्मीर में आ जाते हैं और अल्ताफ के इरादे पता करने के लिए नॉर्मल ड्रेस में छुपे हुए थे।

लेकिन अल्ताफ तो वहां से भागने लगता है! तभी लतिक नाम का एक आदमी अल्ताफ से कहता है कि मैं ये सोल्जर्स को देखता हूं, तुम यहां से जल्दी चले जाओ। लतिक अल्ताफ को कश्मीर के बॉर्डर के बाहर भेज देता है |

कश्मीर के लोग अल्ताफ के खिलाफ नारेबाजी करने लगते हैं, लेकिन सैनिक उन्हें शांत कराते हैं। इसके बाद, हम मुकुंद की वाइफ इंदू को देखते हैं, जो अपनी बेटी माया के साथ मुकुंद से मिलने जा रही होती है। इंदू मुकुंद से काफी समय बाद मिल रही थी, इसलिए वह काफी खुश थी।अमरन मूवी

अब हमें इंदू और मुकुंद के पास्ट के बारे में बताया जाता है। कॉलेज में टीचर इंदू को फैशन शो कंपटीशन के लिए चुनती है। टीचर इंदू से कहती कि इस बार का पूरा इवेंट मुकुंद नाम का एक लड़का संभाल रहा है इंदू मुकुंद के पास अपना नाम लिखवाने आती है, तब मुकुंद इंदू से पूछता है कि क्या तुम्हें पता है कि फैशन शो में कैसे चला जाता है? इंदू कह देती है कि मुझे फैशन शो के बारे में कोई जानकारी नहीं है मुकुंद इंदू को फैशन शो की पूरी ट्रेनिंग देता है, साथ ही उसे कैटवॉक भी सिखाता है। फिर फैशन शो के दिन इंदू सभी लोगों के सामने साड़ी में चलकर आती है और वो ये फैशन शो जीत लेती है। मुकुंद भी इंदू के जीतने पर काफी ज्यादा खुश हो जाता है।

रात के समय, इंदू मुकुंद से पूछती है तुम्हें लाइफ में क्या करना है? मुकुंद इंदू से कहता है, मुझे बचपन से ही आर्मी काफी ज्यादा पसंद है और मैं अपनी लाइफ में सोल्जर बनना चाहता हूं इंदू मुकुंद की बातें सुनकर काफी खुश होती है और कहीं ना कहीं मुकुंद को पसंद करने लगी थी।

अब मुकुंद इंदू को उसके होटल छोड़ने जाता है, तो इंदू मुकुंद को अपने दिल की बात कहती है, “मुझे तुम पहली नजर में पसंद आ गए थे और मैं अब तुमसे प्यार करने लगी हूं मुकुंद भी अपने दिल की बात कहता है, मुझे भी तुम पसंद हो और यहीं से दोनों की लव स्टोरी शुरू हो जाती है इसके कुछ दिन बाद, आर्मी में मुकुंद का सिलेक्शन हो जाता है और इंदू को भी मुकुंद के सिलेक्ट होने पर काफी ज्यादा खुशी थी।

मुकुंद इंदू को अपने परिवार से मिलाने जाता है और कहता है, मैं इंदू से बहुत प्यार करता हूं और इंदू बहुत अच्छी लड़की है। मुकुंद के परिवार वालों को भी इंदू बहुत पसंद आती है, लेकिन मुकुंद की मॉम को उसकी टेंशन सता रही थी क्योंकि मुकुंद की मॉम नहीं चाहती थी कि मुकुंद आर्मी में जाए मुकुंद अपनी मम्मी को समझाता है, आप मेरी चिंता मत कीजिए, मैं अपने देश की रक्षा करने जा रहा हूं और भगवान मेरे साथ है।

फिर मुकुंद की ट्रेनिंग शुरू हो गई थी लेकिन इंदू की यादें उसके दिल में बसी थीं। एक दिन इंदू मुकुंद से मिलने आती है, और मुकुंद उसे देखकर काफी खुश होता है। मुकुंद इंदू से कहता है, तुम्हें भी अपने परिवार को मेरे बारे में बता देना चाहिए इंदू कहती है, ठीक है मैं आज रात अपने मॉम-डैड से हमारे प्यार के बारे में बता दूंगी रात के समय इंदू अपने मॉम-डैड से कहती है, मैं मुकुंद नाम के एक लड़के से प्यार करती हूं और हम दोनों शादी करना चाहते हैं इंदू के पापा पूछते हैं मुकुंद काम क्या करता है? इंदू बताती है, मुकुंद आर्मी में है। यह सुनकर इंदू के डैड गुस्सा हो जाते हैं और कहते हैं, मैं तुम्हारी शादी एक सोल्जर के साथ कभी नहीं करा सकता। सोल्जर की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है।

अगले दिन, इंदू और मुकुंद के मॉम-डैड आर्मी के परेड देखने जाते हैं। इस परेड में मुकुंद भी शामिल था। परेड के बाद, सभी सोल्जर्स के मॉम-डैड अपने बेटे के कंधे पर स्टार लगाते हैं, और आज मुकुंद एक सोल्जर बन जाता है।

मुकुंद इंदू को एक रिंग गिफ्ट करता है और कहता है, “मैं कल यह शहर छोड़कर कैंप पर चला जाऊंगा, तो तुम मेरे मॉम-डैड का अच्छे से ख्याल रखना।” फिर मुकुंद अपने परिवार को अलविदा कहकर कैंप पर चला जाता है।

एक रात, मुकुंद बॉर्डर पर पेट्रोलिंग कर रहा था, जब उसने देखा कि कुछ सोल्जर्स की लाश बॉर्डर के पास पड़ी है। मुकुंद समझ गया कि आतंकवादी आए थे। बॉर्डर की तार कटी हुई थी, जिसे काटकर आतंकवादी अंदर आ गए थे अगले दिन, मुकुंद सारे सैनिकों से कहता है, हमें और भी चौकन्ना रहना पड़ेगा, क्योंकि आतंकवादी हम पर कभी भी हमला कर सकते हैं मुकुंद सारे सोल्जर्स को नए-नए वेपंस चलाना भी सिखाता है।

एक दिन, इंदू के डैड मुकुंद के घर पर आते हैं और मुकुंद के मॉम-डैड से कहते हैं, “मेरी बेटी आपके बेटे से प्यार करती है, लेकिन मैं अपनी बेटी की शादी किसी सैनिक से नहीं करवाना चाहता।” मुकुंद की मॉम इंदू को उनके साथ भेज देती है, लेकिन इंदू मुकुंद के परिवार को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी।

इंदू मुकुंद को कॉल करके कहती है, “मेरे पापा मेरी शादी किसी दूसरे लड़के के साथ करवाना चाहते हैं, इसलिए तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।” मुकुंद कहता है, “मैं अभी कैंप में हूं और मैं चाहकर भी तुम्हारे घर नहीं आ सकता।”

दोनों में बहस हो जाती है, तब मुकुंद इंदू से कहता है, मेरे लिए सबसे इंपॉर्टेंट मेरा देश है तुम्हें अपने पापा की बात मान लेनी चाहिए इंदू काफी ज्यादा निराश हो जाती है और अपने पापा से कहती है, मैं मुकुंद के अलावा किसी और से शादी नहीं करूंगी।” इतना कहकर वो अपने कमरे में चली जाती है इंदू हर दिन मुकुंद का इंतजार कर रही थी, और उसे खुद पर पूरा यकीन था कि मुकुंद एक दिन जरूर उसके पास आएगा। फिर क्रिसमस के दिन, मुकुंद इंदू से मिलने उसके घर आता है।

मुकुंद इंदू के पापा से कहता है, “सर, मुझे पता है कि आपको आर्मी से नफरत है, लेकिन अगर हर कोई आपकी तरह सोचेगा, तो हमारे देश की रक्षा कौन करेगा? मैं इंदू से बहुत प्यार करता हूं और मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं इंदू पर किसी भी मुसीबत का साया नहीं पड़ने दूंगा।”

मुकुंद की बातें सुनकर इंदू के डैड काफी इमोशनल हो जाते हैं और मुकुंद और इंदू की शादी के लिए मान जाते हैं। तभी वहां इंदू आ जाती है और इंदू मुकुंद को देखते ही उसे गले लगा लेती है।

फिर कुछ दिनों बाद, इन दोनों की शादी हो जाती है और दोनों अपनी नई जिंदगी शुरू करते हैं। जिसके बाद इंदू प्रेग्नेंट होती है और वो एक बेटी को जन्म देती है, जिसका नाम ये लोग माया रखते हैं।

मूवी प्रेजेंट में आती है, जहां मुकुंद अपनी बेटी और इंदू से मिलकर काफी खुश था। मुकुंद इंदू को बताता है, मेरा प्रमोशन हो चुका है और अब मैं एक मेजर बन गया हूं यह सुनकर इंदू और भी ज्यादा खुश हो जाती है। हालांकि मुकुंद का ट्रांसफर भी कश्मीर में हो गया था कश्मीर में, कर्नल दबास मुकुंद को टीम चीता से मिलाते हैं और मुकुंद को टीम चीता का लीडर बना देते हैं। टीम चीता में काफी सारे सोल्जर थे, जिनका एक ही मकसद है आतंकवादियों को कश्मीर से खत्म करने का।

कर्नल दबास मुकुंद को बताते हैं, आजादी के समय कश्मीर किसी देश का हिस्सा नहीं था, लेकिन पाकिस्तान के आतंकवादी कश्मीर को हासिल करना चाहते हैं। इसलिए मसूर नाम के एक आतंकवादी ने अल्ताफ को कश्मीर में दंगे करने के लिए भेजा था। तब से अल्ताफ कश्मीरी लोगों को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काता रहता है। पर अल्ताफ के मॉम-डैड कश्मीर में ही रहते हैं इसके बाद मुकुंद सारे सोल्जर से कहता है, “हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे, जब तक कश्मीर से सारे आतंकवादी खत्म नहीं हो जाते।”

 

मुकुंद शिवम से कहता है, मुझे अल्ताफ के मॉम-डैड से बात करनी है, तुम मुझे उनके घर ले चलो। शिवम, जो कश्मीर में रहता था, मुकुंद को अल्ताफ के मॉम-डैड के पास लेकर जाता है मुकुंद अल्ताफ के डैड से कहता है, आपका बेटा गलत राह पर है, आपको उसे समझाना चाहिए अल्ताफ के डैड कहते हैं, “वो मेरा बेटा नहीं है, जब उसने हिंदुस्तान के खिलाफ आवाज उठाई, तभी से वो मेरे लिए मर गया।”

अल्ताफ अपने साथियों से कहता है, “हमें जल्द से जल्द कश्मीर पर कब्जा करना पड़ेगा।” अल्ताफ छोटे बच्चों के हाथों में भी बंदूक पकड़ा देता है। लतिक अल्ताफ से कहता है, “हमें कल रात हमला कर देना चाहिए।” अल्ताफ मानता है।

मुकुंद को अल्ताफ के प्लान के बारे में पता चलता है, तो वो दबास से कहता है, “इस बार हम अल्ताफ को नहीं छोड़ेंगे।” सारे सोल्जर्स अल्ताफ से लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।

रात होने का वेट करते हुए, अल्ताफ कश्मीर में एक घर को टारगेट बनाता है और अपने आदमियों को छुपा देता है। लतीफ अल्ताफ के आने का वेट कर रहा होता है, तभी अल्ताफ आता है और हमला करने से पहले अपने आदमियों की तलाशी लेने लगता है।

रघु नाम का एक सोल्जर अल्ताफ के सामने बैठा था, लेकिन अल्ताफ को रघु पर शक हो जाता है। अल्ताफ रघु की तलाशी लेता है और उसके हाथ पर सोल्जर का निशान देखता है, जिससे वह समझ जाता है कि रघु एक सोल्जर है।

मुकुंद अपनी टीम के साथ पहुंचकर अल्ताफ के आदमियों पर हमला कर देता है। मुकुंद की टीम अल्ताफ के सभी आदमियों को मार देती है, लेकिन अल्ताफ भाग जाता है। मुकुंद उसका पीछा करता है।

लतीफ मुकुंद से मिला हुआ था और उसने मुकुंद को अल्ताफ के मिशन के बारे में सब कुछ बताया था। लतीफ की वजह से सोल्जर्स अल्ताफ तक पहुंच पाए थे।

मुकुंद अल्ताफ को मार देता है। अल्ताफ के मरने के बाद, दबास मुकुंद को जीत की खुशी में मेडल देता है, लेकिन मुकुंद कहता है कि ये मेडल का हकदार मैं अकेला नहीं हूं, बल्कि हमारी पूरी टीम है।

सारे आतंकवादी अल्ताफ के मरने के बाद दुखी थे, लेकिन वसीम, अल्ताफ का छोटा भाई, कहता है कि मैं अपने भाई की मौत का बदला लूंगा और कश्मीर से सभी हिंदुस्तानियों को मार दूंगा। लतीफ वसीम की गैंग में शामिल हो जाता है ताकि वह मुकुंद को वसीम की जानकारी दे सके मुकुंद शिवम से पूछता है कि क्या तुमने वसीम को देखा है? शिवम कहता है कि नहीं, मैंने कभी नहीं देखा और मैंने सुना है कि उसे बहुत कम लोगों ने देखा है रात के समय, मुकुंद अपने परिवार से वीडियो कॉल पर बात कर रहा होता है। मुकुंद इंदू से कहता है, “मैं एक नया घर लेने की सोच रहा हूं और इस बार दिवाली पर हम नया घर खरीदेंगे।” यह सुनकर इंदू काफी खुश होती है।

इधर, लतीफ मुकुंद को वसीम के बारे में बताने जा रहा होता है, लेकिन वसीम लतीफ को पकड़ लेता है। वसीम को लतीफ के बारे में सब कुछ पता चल चुका था। वसीम लतीफ से कहता है, “तुमने मुझसे गद्दारी करके बहुत बड़ी गलती कर दी।” इतना कहकर वो उसे जान से मार डालता है।

अगले दिन, दबास मुकुंद को लतीफ की मौत की खबर देता है और मुकुंद काफी ज्यादा दुखी हो जाता है। मुकुंद सोच लेता है कि वह किसी भी हालत में लतीफ का बदला लेकर रहेगा।

मुकुंद वसीम के बारे में सारी जानकारी निकालता है, जहां वसीम के ऊपर काफी सारे मर्डर के केस थे। एक दिन, मुकुंद कुछ सोल्जर के साथ वैन में कहीं जा रहा होता है और सभी सोल्जर काफी ज्यादा खुश थे। तभी मुकुंद को इंदू का कॉल आता है और दोनों बातें करने लगते हैं।

लेकिन इतने में, वसीम अपने लोगों के साथ मुकुंद की टीम पर हमला कर देता है और गोली की आवाज सुनकर इंदू भी काफी ज्यादा घबरा जाती है। मुकुंद और उसकी टीम मिलकर उन सभी आतंकवादियों से लड़ते हैं, लेकिन इस लड़ाई में एक सोल्जर शहीद हो जाता है।

मुकुंद और उसके साथी मिलकर उसे कैंप में लेकर आते हैं और सब मिलकर उसे श्रद्धांजलि देते हैं।

 

अगले दिन, वसीम के लोग कश्मीर में शिवम को पकड़ लेते हैं। मुकुंद और दबास को शिवम के बारे में पता चलता है, तब मुकुंद दबास से कहता है, “हमें जल्द से जल्द शिवम को बचाना होगा, वरना वो लोग उसे भी जान से मार डालेंगे।”

शिवम के पापा मुकुंद से आकर मिलते हैं और रोते हुए कहते हैं, “आप मेरे बेटे को उन आतंकवादियों से बचा लीजिए।” मुकुंद उनसे वादा करता है, “मैं आपके बेटे को जरूर लेकर आऊंगा।”

आतंकवादी वसीम के कहने पर शिवम को मारने वाले थे, पर मुकुंद अपनी टीम के साथ उन आतंकवादियों पर हमला कर देता है। वसीम वहां से भाग निकलता है, लेकिन मुकुंद ने शिवम को बचा लिया था।

दबास शिवम से कहता है, “हमें कश्मीर के लोगों के दिलों में इंडियन आर्मी के लिए जगह बनानी होगी।” सब लोग वहां के लोगों से सपोर्ट लेने लगते हैं।

एक दिन, रविंद्र नाम के एक सोल्जर को सेना में मेडल मिलने वाला होता है। रविंद्र मुकुंद के लिए मिठाई लेकर आता है और मुकुंद से कहता है, “सर, आपकी वजह से ही मुझे यह मेडल मिल रहा है और आप दुनिया के सबसे अच्छे लीडर हो।”

अगले दिन, सभी सोल्जर ट्रेनिंग कर रहे होते हैं। एक सोल्जर गलती से गोली चला देता है और वह गोली सीधा मुकुंद के पैरों में जा लगती है। गोली लगने से मुकुंद वहीं पर बेहोश होकर गिर जाता है।

सभी लोग मुकुंद को डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं और वहां मुकुंद का इलाज करने के लिए इंदू के पापा आते हैं, जो कि आर्मी में डॉक्टर का काम किया करते थे। इंदू के पापा मुकुंद का अच्छे से इलाज करते हैं और कहते हैं, “तुम्हें कुछ भी नहीं हुआ है, तुम कुछ ही दिनों में बिल्कुल ठीक हो जाओगे।” यह सुनकर मुकुंद को चैन की सांस आती है।

दिवाली के दिन, मुकुंद अपनी पत्नी और बेटी से मिलने के लिए घर जाता है। इंदू मुकुंद को देखकर काफी ज्यादा खुश हो जाती है और दोनों बातें करने लगते हैं। मुकुंद इंदू से पैर में गोली लगने वाली बात बताता है, जिस पर इंदू टेंशन में आ जाती है और कहती है, “अगर तुम्हें कुछ भी हुआ तो मेरा क्या होगा?”

मुकुंद इंदू से कहता है, “तुम मुझसे वादा करो कि अगर मुझे कभी कुछ भी हुआ तो तुम आंसू नहीं बहाओगी।” इसके बाद वे दिवाली मनाते हैं। मुकुंद इंदू के लिए एक नया घर खरीदता है और अपनी ड्यूटी पर वापस चला जाता है।

दबास मुकुंद को बताते हैं कि कश्मीर में जल्द ही इलेक्शन होने वाले हैं, इसलिए सुरक्षा बढ़ानी होगी और ध्यान रखना होगा कि कोई आतंकवादी हमला न करे। मुकुंद और सोल्जर कश्मीर में सिक्योरिटी बढ़ा देते हैं।

एक दिन मुकुंद का बर्थडे होता है, तो इंदू मुकुंद को मिलने के लिए घर बुलाती है। मुकुंद इंदू से कहता है, “कश्मीर में इलेक्शन खत्म होने के बाद मैं तुमसे छुट्टी लेकर जरूर मिलने आऊंगा।”

कश्मीर में इलेक्शन हो रहे होते हैं और मुकुंद अपनी टीम के साथ सिक्योरिटी में बिजी था। वोटिंग होने के बाद, सोल्जर वोटिंग बॉक्स को दूसरी जगह लेकर जा रहे होते हैं, लेकिन आतंकवादी उनके बस पर हमला कर देते हैं। आतंकवादी सोल्जर्स को मारकर वोटिंग बॉक्स में आग लगा देते हैं।

मुकुंद को यह खबर मिलती है और उसे काफी गुस्सा आता है। वह इंदू से मिलने पहुंच जाता है क्योंकि वह खुद को संभाल नहीं पा रहा था। अगले दिन, एक सोल्जर मुकुंद को बताता है कि वसीम ने कश्मीरी लोगों को किडनैप किया है।

मुकुंद और रविंद्र वसीम पर हमला करने के लिए चले जाते हैं। मुकुंद और वसीम के बीच लड़ाई होती है और दोनों एक दूसरे पर गोली चला देते हैं। वसीम की मौत हो जाती है और मुकुंद की भी हालत खराब हो जाती है। सैनिक मुकुंद को हॉस्पिटल लेकर जाने लगते हैं, लेकिन रास्ते में मुकुंद की मौत हो जाती है।

 

मुकुंद के शहीद होने की खबर से परिवार वाले टूट जाते हैं और मुकुंद को अशोक चक्र से सम्मानित किया जाता है। मुकुंद का एक स्टैच्यू भी बनाया जाता है।

इस के साथ फिल्म की कहाणी यहा समाप्त होती है |

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