Game Changer Movie Review: क्या यह वाकई ‘गेम चेंजर’ साबित होती है?

Game changer

Game changer movie का परिचय:

स्टार कास्ट: राम चरण, कियारा आडवाणी, एसजे सूर्या

डायरेक्टर: एस. शंकर

शैली: पॉलिटिकल ड्रामा, एक्शन, और इमोशनल थ्रिलर

भाषा: तेलुगु, तमिल (डब्ड हिंदी में उपलब्ध)

बजट: ₹450 करोड़

लंबाई: 2 घंटे 45 मिनट

कहानी का सार:

Game Changer की कहानी एक ईमानदार आईएएस अधिकारी के संघर्ष और सिस्टम में बदलाव लाने की कोशिशों के इर्द-गिर्द घूमती है। राम चरण का किरदार भ्रष्टाचार से भरे सिस्टम से लड़ते हुए नए तरीकों का इस्तेमाल करता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों के बीच एक व्यक्ति समाज में बदलाव लाने की कोशिश करता है।

 Game changer movie की खासियत:

1. हीरोइज्म का तड़का:

राम चरण का दमदार किरदार आपको नायकत्व की परिभाषा समझाता है।

कई जगह फैमिली ड्रामा और इमोशनल सीन्स दर्शकों को बांधकर रखते हैं।

2. फेस-ऑफ सीन:

राम चरण और एसजे सूर्या के बीच टकराव फिल्म का सबसे बड़ा हाईलाइट है।

सूर्या ने अपने विलेन के किरदार में जान डाल दी है। उनके एक्सप्रेशन्स और डायलॉग डिलीवरी शानदार हैं।

3. प्रोडक्शन वैल्यू:

भव्य लोकेशन्स और शानदार सेट डिज़ाइन ने फिल्म को एक ग्रैंड लुक दिया है।

हर गाने के लिए अलग-अलग सेट्स और हजारों बैकग्राउंड डांसर्स का इस्तेमाल किया गया है।

4. सोशल मैसेज:फिल्म भ्रष्टाचार और नैतिक मूल्यों पर आधारित है।

नायक के संघर्षों के जरिए फिल्म सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान खींचती है।

अभिनय परफॉर्मेंस:

राम चरण:

उन्होंने अपने दमदार एक्शन और इमोशनल सीन्स से दर्शकों को प्रभावित किया है। उनका स्क्रीन प्रजेंस फिल्म को मजबूत बनाता है।

एसजे सूर्या:

उनका विलेन किरदार फिल्म का हाई पॉइंट है। उन्होंने अपनी एक्टिंग से कई बार हीरो पर भी भारी पड़ते हुए दिखाया है।

कियारा आडवाणी:

उनका किरदार सीमित है लेकिन उन्होंने जो भी स्क्रीन टाइम पाया, उसमें अच्छा प्रदर्शन किया।

सपोर्टिंग कास्ट:

बाकी कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाओं को सही ढंग से निभाया है।

संगीत और तकनीकी पक्ष:

संगीत:

गाने औसत हैं और फिल्म की गति को कई जगह धीमा कर देते हैं।

बैकग्राउंड स्कोर:

कहानी के इमोशनल और एक्शन सीन्स को उभारने में सहायक है।

कैमरावर्क और विजुअल्स:

फिल्म के विजुअल्स बेहद भव्य हैं और सिनेमैटिक अनुभव को बढ़ाते हैं।

 Game changer movie का कमजोर पक्ष:

1. कहानी में नयापन नहीं:

फिल्म की कहानी प्रेडिक्टेबल है और कई जगह पुराने फॉर्मूलों का सहारा लिया गया है।

2. लंबाई:

2 घंटे 45 मिनट की अवधि दर्शकों के धैर्य की परीक्षा ले सकती है।

3. गाने:

गानों की जरूरत महसूस नहीं होती, क्योंकि वे कहानी को आगे नहीं बढ़ाते।

क्या movie वाकई ‘game changer’ है?

फिल्म में भव्यता और एक्शन की कोई कमी नहीं है, लेकिन कहानी के मामले में यह कुछ नया पेश नहीं करती। यह फिल्म उन दर्शकों को पसंद आएगी जो ग्रैंड प्रोडक्शन और दमदार एक्शन के दीवाने हैं।

Game changer movie का फाइनल वर्डिक्ट:

प्लस पॉइंट्स: प्रोडक्शन वैल्यू, राम चरण और एसजे सूर्या की एक्टिंग, दमदार एक्शन सीन्स

माइनस पॉइंट्स: कमजोर कहानी, लंबाई, प्रेडिक्टेबल प्लॉट

रेटिंग:  storypadhoo.com के अनुसार game changer movie की रेटिंग ⭐⭐⭐/5

Game changer movie explained in Hindi 

कहानी की शुरुआत:

मूवी की शुरुआत आंध्र प्रदेश के सीएम सत्य से होती है, जिनकी तबीयत बेहद खराब है। सत्य को एक औरत और बच्चे के दृश्य बार-बार दिखाई देते हैं। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है। बारिश के बीच उनका काफिला पुल टूटने के कारण दुर्घटना से बच निकलता है। सत्य के बेटे, उनके जीवन की परवाह करने के बजाय अगले मुख्यमंत्री बनने की योजना बना रहे होते हैं, जिससे सत्य निराश हो जाते हैं।

मध्य भाग:

कहानी का नायक राम एक तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारी है, जिसने अपने आईपीएस कार्यकाल के दौरान कई अपराधियों को पकड़ा है। अब वह एक आईएएस अधिकारी है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मोर्चा खोलता है। वह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करता है और अनियमितताओं को खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाता है। एक चावल फैक्ट्री और अवैध मॉल को बंद करके वह अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को सबक सिखाता है।

राम का व्यक्तिगत जीवन भी संघर्ष से भरा है। कॉलेज के दिनों में वह दीपिका नाम की लड़की से प्यार करता था, लेकिन अपने गुस्से की आदत के कारण दीपिका उससे दूर हो गई। अपने जीवन को सुधारने के लिए राम कड़ी मेहनत करता है और आईएएस बनता है, लेकिन दीपिका अचानक गायब हो जाती है।

कहानी का चरम:

सत्य अस्पताल से लौटकर अपने मंत्रिमंडल को भ्रष्टाचार रोकने की सख्त चेतावनी देते हैं। उनके छोटे बेटे मोपी को भी अवैध बालू व्यापार बंद करने की चेतावनी दी जाती है। राम को दीपिका मिल जाती है, लेकिन मोपी के भ्रष्टाचार और सत्ता की भूख से कहानी में तनाव बढ़ जाता है।

कहानी का अंत:

मोपी अपने पिता सत्य को ही मार देता है और खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर देता है। राम सत्य की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए राजनीतिक मैदान में उतरता है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ता है। मोपी चुनावों में धांधली और हिंसा का सहारा लेता है, लेकिन राम अपनी चतुराई से उसे मात देता है। अंततः राम सत्य की विरासत को आगे बढ़ाता है और मोपी के भ्रष्ट शासन का अंत करता है।

मुख्य संदेश:

कहानी ईमानदारी, दृढ़ संकल्प और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की प्रेरणा देती है। नायक राम समाज में बदलाव लाने का प्रतीक बनता है और यह संदेश देता है कि सच्चाई और न्याय की जीत अंततः होती है।

दोस्तो ऐसे ही और रिव्यूज़ पढ़ने के लिए विजिट करें StoryPadhoo.com। कमेंट में बताएं कि आपको यह मूवी कैसी लगी।

 

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