फायरफाइटर्स की अनदेखी जिंदगी पर बनी फिल्म”अग्नि” का रिव्यू | जानें फिल्म की कहानी और प्रदर्शन

आजकल ऐसी फिल्में बहुत कम बनती हैं, जो हमारे समाज के गुमनाम नायकों को स्पॉटलाइट में लाती हैं। “अग्नि” एक ऐसी ही मूवी है, जो फायरफाइटर्स की खतरनाक जिंदगी पर आधारित है। यह फिल्म हाल ही में प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई है, लेकिन इसकी कहानी पूरी तरह से फिक्शनल है। आइए, इस फिल्म का विश्लेषण करते हैं और जानते हैं कि यह देखने लायक है या नहीं। और क्या यह एक फैमिली फ्रेंडली मूवी है।अग्नि फिल्म रिव्यू

अग्नि फिल्म की रिलीज डेट –

यह फिल्म 6 दिसंबर 2024 को रिलीज़ हुई थी। यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जिसमें फायरफाइटर्स की साहसिकता और संघर्ष को दर्शाया गया है।

फिल्म मैं काम करने वाले कलाकार –

विनीत कुमार – विट्ठल, एक साहसी फायरफाइटर का किरदार निभाते हैं।

साध्वी – अवनी के रूप में, जो एक फायरफाइटर है।

राजीव कुमार – समित के किरदार में, जो एक पुलिस अधिकारी हैं।

अनिल शर्मा – महादेव , जो विट्ठल का दोस्त है।

शिवांगी चौहान – रुक्मिणी, विट्ठल की पत्नी।

आशुतोष – पुलिस अधिकारी के रूप में जो कई महत्वपूर्ण घटनाओं का हिस्सा बनते हैं।

फायरफाइटर्स की बहादुरी को सलाम –

फायरफाइटर्स , जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जिंदगी बचाते हैं। फिल्म “अग्नि” इस पेशे की चुनौतियों और संघर्षों को दिखाने की कोशिश करती है।

फैमिली फ्रेंडली मूवी –

फिल्म में कोई गाना नहीं है, और कहानी सीधे मुद्दे पर आती है। हल्की-फुल्की गालियां हैं, लेकिन फिल्म पूरी तरह फैमिली फ्रेंडली है। इसे हर उम्र के लोग देख सकते हैं और फायर सेफ्टी के महत्व को समझ सकते हैं।

अग्नि फिल्म की कहानी: –

यह कहानी विट्ठल नामक फायर स्टेशन के चीफ की है, जो अपनी टीम के साथ लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। हालांकि, इस सफर में विट्ठल को अपनी सेहत, परिवार और एक रहस्यमय अपराधी से जुड़े कई संघर्षों का सामना करना पड़ता है।

शहर में लगातार बढ़ती आगजनी की घटनाओं के बीच विट्ठल और उनकी टीम ने कई जिंदगियां बचाईं। उनकी बहादुरी पर कमिश्नर ने सराहना की, लेकिन विट्ठल की खराब सेहत और उसकी अनदेखी चिंता का विषय बनती गई। दूसरी ओर, विट्ठल को लगता है कि पुलिसकर्मी ज्यादा सराहना पाते हैं, जबकि फायरफाइटर्स की मेहनत को नजरअंदाज किया जाता है।

रहस्यमय आगजनी की घटनाएं –

अवनी, जो विट्ठल की टीम की सदस्य है, आग लगने की घटनाओं के सुराग ढूंढती है। उसे शक है कि ये आग जानबूझकर लगाई गई हैं। वहीं, पुलिस अधिकारी समित शिव की हत्या के पीछे गोपाल नामक अपराधी को गिरफ्तार करता है, लेकिन विट्ठल को लगता है कि असली अपराधी अब भी बाहर है।

ट्यूशन सेंटर और बिल्डिंग में आग का हादसा –

एक ट्यूशन सेंटर में लगी आग में विट्ठल और उनकी टीम ने कई बच्चों की जान बचाई, लेकिन मोहन नामक फायरफाइटर गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में एक बिल्डिंग में आग बुझाने के दौरान जैस, जो विट्ठल का करीबी था, अपनी जान गंवा बैठा। जैस की मौत से पूरी टीम और अवनी टूट गई, लेकिन विट्ठल ने अपराधी को पकड़ने का प्रण लिया।

कहानी का अंत –

विट्ठल और उसकी टीम ने आखिरी तक आगजनी के रहस्य को सुलझाने की पूरी कोशिश की। अवनी को मिले सुराग और फॉरेंसिक रिपोर्ट से पता चलता है कि आगजनी के पीछे महादेव का हाथ था। महादेव, जो विट्ठल का सबसे करीबी दोस्त और साथी था।

जब विट्ठल को महादेव की सच्चाई पता चलती है, तो वह गुस्से और निराशा से भर जाता है। महादेव को सबूतों के साथ पकड़ा जाता है, और पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है।

विट्ठल का बलिदान –

अंत में, शहर की एक और बड़ी बिल्डिंग में आग लगती है, जहां सैकड़ों लोग फंसे होते हैं। विट्ठल अपने स्वास्थ्य और खतरे की परवाह किए बिना आग बुझाने के लिए जाता है। वह सभी लोगों की जान बचा लेता है, लेकिन धुएं और आग से हुए नुकसान के कारण उसकी जान चली जाती है।

विट्ठल की मौत के बाद, अवनी और समित उसकी लड़ाई को आगे बढ़ाने का प्रण लेते हैं।

निष्कर्ष

कहानी इस संदेश के साथ खत्म होती है कि फायरफाइटर्स जैसे नायक अपनी जान देकर समाज की रक्षा करते हैं। विट्ठल की कुर्बानी उसकी टीम और शहर के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहती है।

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